सूख्ााPC:mahi dewli
प्रधानमंत्री की सोच भारत को सूखे की समस्या से मुक्त कराना है। तात्कालिक कदमों के बजाय पीएम मोदी स्थाई तरीकों को अपनाने की नीति पर अमल कर रहे हैं। सूखे के स्थाई निदान के लिए सरकार की ओर से जल्द ही कुछ और बड़े कदम उठाए जा सकते हैं। शायद यही वजह है कि सूखे पर पीएम से मिले प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को केंद्र के खजाने से वैसी रकम नहीं मिली है। जिसकी वे उम्मीद पाले थे।
शनिवार को उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से सूखे पर चर्चा के साथ पीएम मोदी का प्रभावित मुख्यमंत्रियों से मिलने का दौर समाप्त हो गया। सूखे को लेकर पीएम मोदी बीते 12 दिनों में 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बुलाकर उनके साथ सीधी चर्चा कर चुके हैं। मुख्यमंत्रियों को अलग-अलग बुलाकर चर्चा करने की पहल पीएम की अपनी सोच बताई जा रही है। पीएम के साथ सूखे की बैठकों में शामिल भारत सरकार के मंत्रालय के एक सचिव का कहना है कि पीएम की कल्पना भारत को सूखे की समस्या से मुक्त कराना है। तात्कालिक उपाय के बजाय उनका जोर मामले के स्थाई प्रयासों पर है। वे जल्द ही केंद्र के शीर्ष नौकरशाहों को तलब कर सूखे के स्थाई समाधान के रोडमैप पर कार्य करने को कहेंगे।
उक्त अधिकारी का कहना है कि पीएम मोदी सूखे के मामले पर गुजरात में कई अहम कदम उठा चुके हैं। उसी तर्ज पर वे देश में भी सूखे के स्थाई कार्य की सोच रहे हैं। यही वजह है कि राज्यों को तत्काल कोई बड़ा पैकेज नहीं दिया गया है। हालांकि पीएम ने राज्यों को आश्वस्त किया है कि वे प्रभावितों की तात्कालिक मदद के लिए राज्य आपदा और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष से मदद करें।
इस बीच 25 मई को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में भी देश के जल संकट और उससे उबरने की रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक के एजेंडे में जल संसाधन मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा भी होनी है। दूसरी ओर सरकार महंगाई को लेकर भी गंभीर नजर आ रही है। केंद्रीय खाद्य एवं नागरीक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से राज्यों के मंत्रियों के साथ महंगाई को नियंत्रित करने की रणनीति पर मंथन किया। केंद्र ने राज्यों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। तो यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडू सरीखे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने खत लिखकर खुदरा बाजार में चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।
उक्त अधिकारी का कहना है कि पीएम मोदी सूखे के मामले पर गुजरात में कई अहम कदम उठा चुके हैं। उसी तर्ज पर वे देश में भी सूखे के स्थाई कार्य की सोच रहे हैं। यही वजह है कि राज्यों को तत्काल कोई बड़ा पैकेज नहीं दिया गया है। हालांकि पीएम ने राज्यों को आश्वस्त किया है कि वे प्रभावितों की तात्कालिक मदद के लिए राज्य आपदा और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कोष से मदद करें।
इस बीच 25 मई को केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में भी देश के जल संकट और उससे उबरने की रणनीति पर चर्चा होगी। बैठक के एजेंडे में जल संसाधन मंत्रालय के कामकाज की समीक्षा भी होनी है। दूसरी ओर सरकार महंगाई को लेकर भी गंभीर नजर आ रही है। केंद्रीय खाद्य एवं नागरीक आपूर्ति मंत्री राम विलास पासवान और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने संयुक्त रूप से राज्यों के मंत्रियों के साथ महंगाई को नियंत्रित करने की रणनीति पर मंथन किया। केंद्र ने राज्यों को हर संभव मदद का भरोसा दिया है। तो यूपी, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडू सरीखे राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने खत लिखकर खुदरा बाजार में चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है।
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