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Monday, February 29, 2016

जाट ‌आंदोलन का सच खुला, दिल्ली अशांत करने की साजिश थी

जाट आंदोलन पर सेना तैयार कर रही स्टेटस रिपोर्ट


जाट ‌आंदोलन का सच खुला, दिल्ली अशांत करने की साजिश थी

हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान जो चक्रव्यूह रचा गया, उसका बड़ा मकसद था दिल्ली को डिस्टर्ब कर केंद्र और राज्य सरकार को जाट आरक्षण के मसले पर घेरना। काफी हद तक आंदोलनकारी अपने इस मकसद में कामयाब भी रहे। 


इतना ही नहीं जब सरकार ने सेना को प्रदेश में मोर्चा संभालने के लिए उतारा तो आंदोलनकारियों ने सेना के मूवमेंट और जरूरी साजो सामान (लॉजिस्टिक) की सप्लाई को भी बाधित करने की कोशिश की। हालांकि सेना ने हैलीकॉप्टर का सहारा लेकर इन मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया। 

यह खुलासा अंबाला सेना की स्टेटस रिपोर्ट में किया गया है। इसे अंतिम रूप देकर रक्षा मंत्रालय को भेजा जाना है। राज्य के विभिन्न जिलों में भेजे गए कॉलम कमांडरों से ली गई ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर इसे तैयार किया जा रहा है। अंबाला से प्रदेश भर में 23 कॉलम कमांडर की अगुवाई में करीबन 2280 जवानों को भेजा गया था। 

ग्राउंड रिपोर्ट के आधार पर जुटाए गए तथ्यों से सबसे बड़ी बात यह निकलकर आई है कि जाट आंदोलनकारियों का मकसद दिल्ली को डिस्टर्ब करना था। सेना के एक आला अफसर के अनुसार जाट आंदोलनकारियों के नेतृत्व कर्ताओं की कोशिश सड़कों और रेल मार्ग के जरिए हरियाणा व उतर भारत के ऊपरी राज्यों को दिल्ली से अलग करने की थी। 

ऐसा हुआ भी। दिल्ली जाने वाले तमाम हाइवे व रेल मार्गों को जाम कर दिया गया। आंदोलनकारियों ने दिल्ली के 60 फीसदी हिस्से को पानी की सप्लाई देने वाली मुनक नहर पर कब्जा कर दिल्ली में पानी सप्लाई� को भी इसी मकसद को रोका था।
सैन्य कार्रवाई में भी उपद्रवियों ने डाली रुकावटें

सैन्य अफसर बताते हैं कि आर्मी को मिशन में दिक्कतें उठानी पड़ीं। आंदोलनकारी हर तरह से आर्मी मूवमेंट को भी डिस्टर्ब करने पर उतारु थे। आंदोलनकारी सड़कों से नहीं हटे, जिस वजह से सेना को लौजिस्टिक सप्लाई करने में दिक्कत आई। 

ये सप्लाई फील्ड में डटे जवानों के लिए जरूरी थी। अंतत: स्कूलों, खेल मैदानों में हैलीपैड बनाकर हैलीकाप्टरों के जरिये ये सामान सैनिकों तक पहुंचाया गया। उसके बाद आर्मी जवानों के बारे में गुमराह करने वाले बर्बरतापूर्ण एमएमएस भी सोशल मीडिया पर वायरल किए गए।

सेना की 16 टुकड़ियां लौटीं, सात आनी बाकी
सैन्य अफसर ने बताया कि हरियाणा से कुल 23 में से 16 टुकड़ियों को कमांडर समेत वापस बुला लिया गया है। अभी तीन टुकड़ियां सोनीपत, तीन पानीपत और एक मुनक नहर पर तैनात है। उनके जल्द ही सभी टुकड़ियां लौट आएंगी। तब इस रिपोर्ट को अंतिम रूप देकर हाईकमान को भेजा जाएगा।

jai maa vaishno devi






सावधान! हैकर्स की नजर में हैं वायरलेस माउस और की बोर्ड...hackers have their eyes on wireless mouse

सावधान! हैकर्स की नजर में हैं वायरलेस माउस और की बोर्ड

लैपटॉप या डेस्क टॉप कंप्यूटर के साथ अगर आप वायरलेस माउस या 'की बोर्ड' इस्तेमाल करते हैं तो जरा सावधान रहिए।

हैकरों की दुनिया ने अब ऐसे डिवाइस पर नजरें गड़ाई हैं।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 200 मीटर दूर बैठा कोई भी आदमी आपके माउस के जरिये आपके लैपटॉप या डेस्कटॉप में रखे डेटा तक पहुंच सकता है।
खतरनाक की बोर्डों की बनी लिस्ट
अगर बिना एन्क्रिप्शन वाला कोई डोंगल हैकर को मिल गया तो वो दूर बैठे ही आपके डिवाइस को कंट्रोल कर सकता है।

अगर आप ऑफिस में ऐसा माउस इस्तेमाल करते हैं तो जब आप काम पर नहीं हैं, उस समय भी आपके डेटा को खतरा हो सकता है।

ऐसा भी हो सकता है कि अपनी कुर्सी पर आप बैठे रहे और आपको पता भी न चले।

जिस कंपनी ने ये सर्वे किया उसने उन सभी वायरलेस कीबोर्ड की लिस्ट भी बताई है, जिन पर असर हो सकता है।

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