रोहित शर्मा के साथ संजय बांगड़ (फाइल फोटो)PC: Twitter
ये अपने आप में बेहद अजीब है कि टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में जो जिम्बाब्वे जा रहा है उसके नाम इस टीम के खिलाफ सबसे खराब प्रदर्शन का रिकॉर्ड है।
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और बल्लेबाज संजय बांगड़ को जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का मुख्य कोच चुना गया है। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम को इस अफ्रीकी टीम के साथ 3-3 मैचों की वनडे और टी-20 सीरीज खेलने जिम्बाब्वे जाना है।
टी-20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल टीम इंडिया के बतौर डायरेक्टर खत्म हो गया था तो बीसीसीआई ने इस दौरे के लिए संजय बांगड़ को अंतरिम मुख्य कोच नियुक्त कर दिया। लेकिन क्रिकेट में बल्लेबाजी ऑलराउंडर रहे संजय बांगड़ का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली टीमों में से सबसे कमजोर टीम आंकी जाने वाली जिम्बाब्वे के खिलाफ सबसे खराब रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि इस रिकॉर्ड में 4 बल्लेबाज शामिल हैं जिसमें बांगड़ का नाम भी है।
बांगड़ समेत 4 बल्लेबाजों के नाम भारत और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैचों में सबसे ज्यादा 3-3 बार 0 पर आउट होने का रिकॉर्ड दर्ज है। इन 4 में 2 भारत के और 2 जिम्बाब्वे के हैं जिसमें बांगड़ के अलावा सुनील जोशी के साथ-साथ ब्रैंडन टेलर और ट्रेविस फ्रेंड 3-3 बार 0 पर आउट हुए हैं।
टी-20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल टीम इंडिया के बतौर डायरेक्टर खत्म हो गया था तो बीसीसीआई ने इस दौरे के लिए संजय बांगड़ को अंतरिम मुख्य कोच नियुक्त कर दिया। लेकिन क्रिकेट में बल्लेबाजी ऑलराउंडर रहे संजय बांगड़ का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली टीमों में से सबसे कमजोर टीम आंकी जाने वाली जिम्बाब्वे के खिलाफ सबसे खराब रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि इस रिकॉर्ड में 4 बल्लेबाज शामिल हैं जिसमें बांगड़ का नाम भी है।
बांगड़ समेत 4 बल्लेबाजों के नाम भारत और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैचों में सबसे ज्यादा 3-3 बार 0 पर आउट होने का रिकॉर्ड दर्ज है। इन 4 में 2 भारत के और 2 जिम्बाब्वे के हैं जिसमें बांगड़ के अलावा सुनील जोशी के साथ-साथ ब्रैंडन टेलर और ट्रेविस फ्रेंड 3-3 बार 0 पर आउट हुए हैं।
कहने को तो 4 बल्लेबाज भारत और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैचों में रिकॉर्ड सबसे ज्यादा 3-3 बार 0 पर आउट हुए हैं, लेकिन संजय बांगड़ के नाम यह रिकॉर्ड सबसे बुरा है। इन चारों में जिम्बाब्वे के ट्रेविस फ्रेंड 16 मैचों की 14 पारियों में 3 बार खाता नहीं खोल पाए तो पुछल्ले भारतीय बल्लेबाज सुनील जोशी 13 मैचों की 9 पारियों में 3 बार शून्य पर आउट हुए हैं।
इस अफ्रीकी टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर 10 पारियों में 3 बार 0 पर आउट हुए हैं लेकिन संजय बांगड़ तो 4 मैचों की 4 पारियों में 3 बार अपना खाता नहीं खोल सके। उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ 4 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें वह सिर्फ एक बार ही खाता खोल पाए और 13 मार्च, 2002 को कोच्चि वनडे में उन्होंने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 67 गेंदों में 3 चौके के साथ 36 रनों की पारी खेली।
अंतरिम मुख्य कोच बने संजय के करियर की दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने करियर में 12 टेस्ट मैचों के अलावा कुल 15 वनडे मैच खेले जो 25 जनवरी, 2002 से लेकर 24 जनवरी 2004 तक चला। उनके करियर का अंतिम मैच इसी टीम के खिलाफ था जिसमें वह 0 पर आउट हुए थे। साथ ही करियर का दूसरा मैच भी जिम्बाब्वे के विरुद्ध था जिसमें एक बार फिर 0 पर वापस पवेलियन लौट गए।
15 मैचों की 15 पारियों में वह 3 बार 0 पर वापस लौटे और तीनों ही बार जिम्बाब्वे के खिलाफ यह घटना घटी। बांगड़ इस समय टीम इंडिया के अंतरिम कोच होने के साथ-साथ आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के भी कोच रहे हैं, हालांकि उनकी टीम का प्रदर्शन इस बार भी खराब रहा और सबसे नीचे आठवें पायदान पर रही।
इस अफ्रीकी टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर 10 पारियों में 3 बार 0 पर आउट हुए हैं लेकिन संजय बांगड़ तो 4 मैचों की 4 पारियों में 3 बार अपना खाता नहीं खोल सके। उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ 4 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें वह सिर्फ एक बार ही खाता खोल पाए और 13 मार्च, 2002 को कोच्चि वनडे में उन्होंने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 67 गेंदों में 3 चौके के साथ 36 रनों की पारी खेली।
अंतरिम मुख्य कोच बने संजय के करियर की दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने करियर में 12 टेस्ट मैचों के अलावा कुल 15 वनडे मैच खेले जो 25 जनवरी, 2002 से लेकर 24 जनवरी 2004 तक चला। उनके करियर का अंतिम मैच इसी टीम के खिलाफ था जिसमें वह 0 पर आउट हुए थे। साथ ही करियर का दूसरा मैच भी जिम्बाब्वे के विरुद्ध था जिसमें एक बार फिर 0 पर वापस पवेलियन लौट गए।
15 मैचों की 15 पारियों में वह 3 बार 0 पर वापस लौटे और तीनों ही बार जिम्बाब्वे के खिलाफ यह घटना घटी। बांगड़ इस समय टीम इंडिया के अंतरिम कोच होने के साथ-साथ आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के भी कोच रहे हैं, हालांकि उनकी टीम का प्रदर्शन इस बार भी खराब रहा और सबसे नीचे आठवें पायदान पर रही।