मैगी के दो नमूने जांच में फेल होने के बाद इसे बनाने वाली कंपनी नेस्ले और दो विक्रेताओं के खिलाफ बाराबंकी की अपर जिलाधिकारी की अदालत में बुधवार को केस दर्ज किया गया है।
नमूनों में भस्म (ऐश) की मात्रा मानक (एक फीसदी) से ज्यादा पाई गई है। नमूने 2015 में फतेहपुर कस्बे से लिए गए थे।
एडीएम हरिकेश चौरसिया ने बताया कि सुनवाई के लिए नेस्ले कंपनी तथा दोनों विक्रेताओं को नोटिस जारी किया जाएगा।
नमूनों में भस्म (ऐश) की मात्रा मानक (एक फीसदी) से ज्यादा पाई गई है। नमूने 2015 में फतेहपुर कस्बे से लिए गए थे।
एडीएम हरिकेश चौरसिया ने बताया कि सुनवाई के लिए नेस्ले कंपनी तथा दोनों विक्रेताओं को नोटिस जारी किया जाएगा।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार ने पिछले साल मई में फतेहपुर कस्बे के जोशी टोला से उमेशचन्द्र तथा काजीपुर से रविन्द्र कुमार गुप्ता के यहां से मैगी का नमूना लिया था।
जांच रिपोर्ट में यह सबस्टैंडर्ड पाया गया। तब एफएसडीए के अभिहीत अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने नेस्ले और दोनों विक्रेताओं को नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा था। पर किसी ने अपना पक्ष नहीं रखा।
तब खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेन्द्र ने मंगलवार को अपर जिलाधिकारी की अदालत में वाद दायर किया था। इस पर बुधवार को केस दर्ज हो गया है।
जांच रिपोर्ट में यह सबस्टैंडर्ड पाया गया। तब एफएसडीए के अभिहीत अधिकारी मनोज कुमार वर्मा ने नेस्ले और दोनों विक्रेताओं को नोटिस भेजकर पक्ष रखने को कहा था। पर किसी ने अपना पक्ष नहीं रखा।
तब खाद्य सुरक्षा अधिकारी वीरेन्द्र ने मंगलवार को अपर जिलाधिकारी की अदालत में वाद दायर किया था। इस पर बुधवार को केस दर्ज हो गया है।
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