MAHESH SINGH DEWLI Pursuing B Tech Civil Engineering @ Lovely Professional University Punjab ,INDIA contacts :- +91 9023472011 Email id :- maheshdewali94@gmail.com
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Wednesday, June 15, 2016
Tuesday, June 7, 2016
गैलेक्सी नोट 7 की पहली 3D रेन्डर तस्वीर लीक की है.
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नई दिल्लीः सैमसंग अपना नया गैलेक्सी नोट फैबलेट अगस्त महीने की शुरुआत में लॉन्च कर सकती है. खबर है कि नए फैबलेट का नाम कंपनी नोट 6 नहीं नोट 7 होगा. इस बीच लीकस्टर @Onleaks ने अपकमिंग गैलेक्सी नोट 7 की पहली 3D रेन्डर तस्वीर लीक की है.
इस तस्वीरों को देखें तो लगता है कि आने वाला गैलेक्सी नोट 7 कंपनी के हालिया लॉन्च गैलेक्सी S7 जैसा ही होगा. इस नए फैबलेट में दोनो साइड से कर्व्ड ग्लास होंगे. थोड़ा बदलाव ये है कि S पेन के लिए इस बार नीचे की ओर स्लॉट दिया गया है. इस फोन में टाइप-सी पोर्ट होगा. इस रेंडर में डुअल कैमरा सेटअप दिया गया है.
इस नए फैबलेट का डाइमेंशन 153×745.x7.8mm होगा और नेट5 की तुलना में किनारे ज्यादा मुड़े हुए होंगे. वहीं नोट 5 की तुलना में कैमरा बंप भी पतला महज 0.8mm होगा जो नोट5 में 1.7mm था.

इसका मतलब है कि इसका डिस्प्ले एचडी से चार गुना बेहतर होगा. इस फोन में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 823, हाई क्लॉक स्पीड, और 6GB रैम हो सकती है. अपनी 256 जीबी स्टोरेज क्षमता के लिए सैमसंग गैलेक्सी नोट 6 काफी चर्चा में है.
सैमसंग गैलेक्सी नोट 6 4,200mAh की बैटरी से लैस होने को लेकर चर्चा में है. यानी इस फोन की बैटरी भी बेहद दमदार होगी. सैमसंग गैलेक्सी नोट 6 का कैमरा डुअल-पिक्सल की सुविधा के साथ 12 मेगापिक्सल का होगा.
खबरों के मुताबिक सैमसंग गैलेक्सी नोट 6 में रेटिना स्कैनर और फिंगरप्रिंट स्कैनर जैसी सुविधाएं हो सकती हैं. फिंगरप्रिंट स्कैनर होम बटन में ही होगा. सैमसंग गैलेक्सी नोट 6 वाटर और डस्ट प्रूफ होगा. कोरियन कंपनी गियर वी.आर. हेडसेट को यूएसबी टाइप-सी पोर्ट के सपोर्ट वाले नोट 6 के लिए जारी कर सकती है
Saturday, June 4, 2016
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यूसुफ पठान जितनी विस्फोटक बल्लेबाजी मैदान पर करते हैं उनकी एंट्री भी उतनी ही धमाकेदार होती है। आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए खेलने के बाद यह विस्फोटक बल्लेबाज बांग्लादेश रवाना हो गया जहां उन्हें ढाका प्रीमियर लीग में खेलना था।
वह पहली बार ढाका प्रीमियर लीग (डीपीएल) में खेलने जा रहे थे लेकिन मैच शुरू होने के साथ ही उनकी वजह से टीम में टेंशन बढ़ गई। डीपीएल जो 50-50 ओवर का टूर्नामेंट है और उन्हें अभानी लिमिटेड टीम के लिए मैच खेलना था। लेकिन उनके साथ कुछ ऐसा अजीबोगरीब वाकया हुआ कि एक समय लगने लगा था कि वह अपनी टीम के लिए पहला मैच नहीं खेल पाएंगे जबकि इस मैच के लिए वह समय से अपने होटल से निकल भी चुके थे।
दूसरी ओर, मैच शुरू भी हो गया, टीम में उनका नाम भी था लेकिन वो खुद वहां नहीं थे। मैच शुरू होने के 40 मिनट बाद भी यूसूफ मैदान पर नहीं पहुंच सके और उनकी टीम का इंतजार बढ़ता ही जा रहा था क्योंकि वह टीम में थे और उनके देरी से पहुंचने के कारण टीम को मैच में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना भी पड़ सकता था।
हुआ यूं कि टीम इंडिया का यह ऑलराउंडर ढाका-सावर हाइवे पर एक जर्बदस्त जाम में फंस गया। इधर मैच शुरू हो गया और उधर वह जाम में ऐसे फंसे हुए थे कि चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे। लेकिन वह किस्मतवाले रहे कि मैच के आयोजकों और विपक्षी टीम ने उनके देरी से आने के बावजूद मैच में खेलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई और मैच में उतरने में कामयाब रहे।
हालांकि विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए मशहूर इस बल्लेबाज ने मैच से पहले के 40 मिनट के नाटकीय घटनाक्रम को पीछे छोड़ते हुए प्राइम बैंक क्रिकेट क्लब के खिलाफ मैच में 47 गेंदों में 60 रनों की आतिशी पारी खेल डाली जो उनकी टीम के लिए मैच जीताऊ पारी भी बन गई।
आईपीएल-9 की कई पारियों में जोरदार बल्लेबाजी करने वाले यूसुफ ने इस पारी में 7 चौके और 2 छक्के भी जड़कर टीम को संकट से उबारा। शानदार पारी खेलने वाले यूसुफ ने अपनी टीम के लिए शानदार पारी खेलने पर खुशी भी जताई। हालांकि वह इस डीपीएल में एक ही मैच और खेल पाएंगे क्योंकि वह रमदान के लिए उन्हें भारत लौटना होगा। ढाका ट्रिब्यून ने यूसुफ को कोट करते हुए कहा, "मैं रमदान से पहले 2 मैच खेलने के बारे में सोच रहा था। टीम ने पिछला मैच जीत लिया है और यह जीत उसे टूर्नामेंट में आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएगी। मुझे खुशी है कि मैने 60 रनों की पारी खेली जिससे टीम को फायदा हुआ।"
यूसुफ यहां तमीम इकबाल की कप्तानी में यहां पर खेल रहे हैं जिन्होंने खुद 40 रन बनाए। आईपीएल में कोलकाता टीम के साथी खिलाड़ी शाकिब अल हसन इस मैच में बड़ी पारी नहीं खेल सके।
दूसरी ओर, मैच शुरू भी हो गया, टीम में उनका नाम भी था लेकिन वो खुद वहां नहीं थे। मैच शुरू होने के 40 मिनट बाद भी यूसूफ मैदान पर नहीं पहुंच सके और उनकी टीम का इंतजार बढ़ता ही जा रहा था क्योंकि वह टीम में थे और उनके देरी से पहुंचने के कारण टीम को मैच में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना भी पड़ सकता था।
हुआ यूं कि टीम इंडिया का यह ऑलराउंडर ढाका-सावर हाइवे पर एक जर्बदस्त जाम में फंस गया। इधर मैच शुरू हो गया और उधर वह जाम में ऐसे फंसे हुए थे कि चाह कर भी कुछ नहीं कर सकते थे। लेकिन वह किस्मतवाले रहे कि मैच के आयोजकों और विपक्षी टीम ने उनके देरी से आने के बावजूद मैच में खेलने पर कोई आपत्ति नहीं जताई और मैच में उतरने में कामयाब रहे।
हालांकि विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए मशहूर इस बल्लेबाज ने मैच से पहले के 40 मिनट के नाटकीय घटनाक्रम को पीछे छोड़ते हुए प्राइम बैंक क्रिकेट क्लब के खिलाफ मैच में 47 गेंदों में 60 रनों की आतिशी पारी खेल डाली जो उनकी टीम के लिए मैच जीताऊ पारी भी बन गई।
आईपीएल-9 की कई पारियों में जोरदार बल्लेबाजी करने वाले यूसुफ ने इस पारी में 7 चौके और 2 छक्के भी जड़कर टीम को संकट से उबारा। शानदार पारी खेलने वाले यूसुफ ने अपनी टीम के लिए शानदार पारी खेलने पर खुशी भी जताई। हालांकि वह इस डीपीएल में एक ही मैच और खेल पाएंगे क्योंकि वह रमदान के लिए उन्हें भारत लौटना होगा। ढाका ट्रिब्यून ने यूसुफ को कोट करते हुए कहा, "मैं रमदान से पहले 2 मैच खेलने के बारे में सोच रहा था। टीम ने पिछला मैच जीत लिया है और यह जीत उसे टूर्नामेंट में आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाएगी। मुझे खुशी है कि मैने 60 रनों की पारी खेली जिससे टीम को फायदा हुआ।"
यूसुफ यहां तमीम इकबाल की कप्तानी में यहां पर खेल रहे हैं जिन्होंने खुद 40 रन बनाए। आईपीएल में कोलकाता टीम के साथी खिलाड़ी शाकिब अल हसन इस मैच में बड़ी पारी नहीं खेल सके।
ऐसा नहीं है कि विस्फोटक बल्लेबाज यूसुफ पठान की किसी टीम के साथ इस तरह से धमाकेदार एंट्री पहली बार हुई हो। इससे पहले 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत भी बेहद दिलचस्प रही थी।
फटाफट क्रिकेट का यह पहला वर्ल्ड कप था और भारत को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उतरना था लेकिन टीम इंडिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग चोटिल हो गए और उन्हें इस मैच से बाहर होना पड़ा।
सहवाग की जगह इस निर्णायक मैच के लिए कप्तान धोनी ने 24 साल के ऑलराउंडर यूसुफ पठान को टीम में शामिल किया। इस हाईटेंशन मैच में यूसुफ ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ की गेंद पर छक्का लगाकर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। बाद में भारत यह मैच जीत गया।
फटाफट क्रिकेट का यह पहला वर्ल्ड कप था और भारत को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उतरना था लेकिन टीम इंडिया के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग चोटिल हो गए और उन्हें इस मैच से बाहर होना पड़ा।
सहवाग की जगह इस निर्णायक मैच के लिए कप्तान धोनी ने 24 साल के ऑलराउंडर यूसुफ पठान को टीम में शामिल किया। इस हाईटेंशन मैच में यूसुफ ने तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ की गेंद पर छक्का लगाकर अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी। बाद में भारत यह मैच जीत गया।
Friday, June 3, 2016
ये टीम इंडिया के मुख्य कोच, जिनके नाम सबसे खराब बल्लेबाजी का रिकॉर्ड

रोहित शर्मा के साथ संजय बांगड़ (फाइल फोटो)PC: Twitter
ये अपने आप में बेहद अजीब है कि टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में जो जिम्बाब्वे जा रहा है उसके नाम इस टीम के खिलाफ सबसे खराब प्रदर्शन का रिकॉर्ड है।
पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और बल्लेबाज संजय बांगड़ को जिम्बाब्वे दौरे के लिए टीम इंडिया का मुख्य कोच चुना गया है। महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय टीम को इस अफ्रीकी टीम के साथ 3-3 मैचों की वनडे और टी-20 सीरीज खेलने जिम्बाब्वे जाना है।
टी-20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल टीम इंडिया के बतौर डायरेक्टर खत्म हो गया था तो बीसीसीआई ने इस दौरे के लिए संजय बांगड़ को अंतरिम मुख्य कोच नियुक्त कर दिया। लेकिन क्रिकेट में बल्लेबाजी ऑलराउंडर रहे संजय बांगड़ का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली टीमों में से सबसे कमजोर टीम आंकी जाने वाली जिम्बाब्वे के खिलाफ सबसे खराब रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि इस रिकॉर्ड में 4 बल्लेबाज शामिल हैं जिसमें बांगड़ का नाम भी है।
बांगड़ समेत 4 बल्लेबाजों के नाम भारत और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैचों में सबसे ज्यादा 3-3 बार 0 पर आउट होने का रिकॉर्ड दर्ज है। इन 4 में 2 भारत के और 2 जिम्बाब्वे के हैं जिसमें बांगड़ के अलावा सुनील जोशी के साथ-साथ ब्रैंडन टेलर और ट्रेविस फ्रेंड 3-3 बार 0 पर आउट हुए हैं।
टी-20 वर्ल्ड कप के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल टीम इंडिया के बतौर डायरेक्टर खत्म हो गया था तो बीसीसीआई ने इस दौरे के लिए संजय बांगड़ को अंतरिम मुख्य कोच नियुक्त कर दिया। लेकिन क्रिकेट में बल्लेबाजी ऑलराउंडर रहे संजय बांगड़ का रिकॉर्ड टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली टीमों में से सबसे कमजोर टीम आंकी जाने वाली जिम्बाब्वे के खिलाफ सबसे खराब रिकॉर्ड दर्ज है। हालांकि इस रिकॉर्ड में 4 बल्लेबाज शामिल हैं जिसमें बांगड़ का नाम भी है।
बांगड़ समेत 4 बल्लेबाजों के नाम भारत और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैचों में सबसे ज्यादा 3-3 बार 0 पर आउट होने का रिकॉर्ड दर्ज है। इन 4 में 2 भारत के और 2 जिम्बाब्वे के हैं जिसमें बांगड़ के अलावा सुनील जोशी के साथ-साथ ब्रैंडन टेलर और ट्रेविस फ्रेंड 3-3 बार 0 पर आउट हुए हैं।
जिम्बाब्वे के खिलाफ खाता खोलने के लिए करते रहे संघर्ष
कहने को तो 4 बल्लेबाज भारत और जिम्बाब्वे के बीच वनडे मैचों में रिकॉर्ड सबसे ज्यादा 3-3 बार 0 पर आउट हुए हैं, लेकिन संजय बांगड़ के नाम यह रिकॉर्ड सबसे बुरा है। इन चारों में जिम्बाब्वे के ट्रेविस फ्रेंड 16 मैचों की 14 पारियों में 3 बार खाता नहीं खोल पाए तो पुछल्ले भारतीय बल्लेबाज सुनील जोशी 13 मैचों की 9 पारियों में 3 बार शून्य पर आउट हुए हैं।
इस अफ्रीकी टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर 10 पारियों में 3 बार 0 पर आउट हुए हैं लेकिन संजय बांगड़ तो 4 मैचों की 4 पारियों में 3 बार अपना खाता नहीं खोल सके। उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ 4 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें वह सिर्फ एक बार ही खाता खोल पाए और 13 मार्च, 2002 को कोच्चि वनडे में उन्होंने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 67 गेंदों में 3 चौके के साथ 36 रनों की पारी खेली।
अंतरिम मुख्य कोच बने संजय के करियर की दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने करियर में 12 टेस्ट मैचों के अलावा कुल 15 वनडे मैच खेले जो 25 जनवरी, 2002 से लेकर 24 जनवरी 2004 तक चला। उनके करियर का अंतिम मैच इसी टीम के खिलाफ था जिसमें वह 0 पर आउट हुए थे। साथ ही करियर का दूसरा मैच भी जिम्बाब्वे के विरुद्ध था जिसमें एक बार फिर 0 पर वापस पवेलियन लौट गए।
15 मैचों की 15 पारियों में वह 3 बार 0 पर वापस लौटे और तीनों ही बार जिम्बाब्वे के खिलाफ यह घटना घटी। बांगड़ इस समय टीम इंडिया के अंतरिम कोच होने के साथ-साथ आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के भी कोच रहे हैं, हालांकि उनकी टीम का प्रदर्शन इस बार भी खराब रहा और सबसे नीचे आठवें पायदान पर रही।
इस अफ्रीकी टीम के पूर्व कप्तान ब्रैंडन टेलर 10 पारियों में 3 बार 0 पर आउट हुए हैं लेकिन संजय बांगड़ तो 4 मैचों की 4 पारियों में 3 बार अपना खाता नहीं खोल सके। उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ 4 मैचों में खेलने का मौका मिला जिसमें वह सिर्फ एक बार ही खाता खोल पाए और 13 मार्च, 2002 को कोच्चि वनडे में उन्होंने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 67 गेंदों में 3 चौके के साथ 36 रनों की पारी खेली।
अंतरिम मुख्य कोच बने संजय के करियर की दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने अपने करियर में 12 टेस्ट मैचों के अलावा कुल 15 वनडे मैच खेले जो 25 जनवरी, 2002 से लेकर 24 जनवरी 2004 तक चला। उनके करियर का अंतिम मैच इसी टीम के खिलाफ था जिसमें वह 0 पर आउट हुए थे। साथ ही करियर का दूसरा मैच भी जिम्बाब्वे के विरुद्ध था जिसमें एक बार फिर 0 पर वापस पवेलियन लौट गए।
15 मैचों की 15 पारियों में वह 3 बार 0 पर वापस लौटे और तीनों ही बार जिम्बाब्वे के खिलाफ यह घटना घटी। बांगड़ इस समय टीम इंडिया के अंतरिम कोच होने के साथ-साथ आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के भी कोच रहे हैं, हालांकि उनकी टीम का प्रदर्शन इस बार भी खराब रहा और सबसे नीचे आठवें पायदान पर रही।
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